Collector Rates in Punjab:- पंजाब की किसी भी क्षेत्र में संपत्ति की खरीद करने से पहले खरीदार को क्षेत्र का कलेक्टर रेट (Collector Rates) पता कर लेना चाहिए। ताकि पंजीकरण के दौरान आने वाले खर्च का पहले से आकलन किया जा सके। अचल संपत्ति में आवासीय, कृषि भूमि, व्यवसायिक भूखंड शामिल है। पंजाब के राजस्व एवं पुनर्वास और आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जमीन खरीदे जाने की न्यूनतम दर निर्धारित कर दी जाती है। जिसे पंजाब में कलेक्टर दर कहा जाता है। अन्य राज्यों में Circle Rate, DLC Rate, Guideline Rate, Ready Reckoner के नाम से जाना जाता है। पंजाब के नागरिकों के लिए किसी भी क्षेत्र का कलेक्टर रेट पता करना बहुत आसान हो गया है। अब घर बैठे मोबाइल पर भी अपनी जमीन का तथा खरीदे जाने वाली जमीन का Collector Rates मोबाइल पर भी देख सकते हैं।
चलिए, हम आपको विस्तार पूर्वक बताते हैं कि, पंजाब में Circle Rates कैसे निर्धारित की जाती है। ऑनलाइन इसे कैसे देख सकते हैं, तथा सर्किल रेट का निर्धारण करने हेतु कौन-कौन से महत्वपूर्ण कारक हैं। जिन्हें विभाग द्वारा मद्देनजर रखा जाता है।
About Article | Collector Rates |
State | Punjab |
पंजाब जमाबंदी (ਜਮਬੰਦੀ ਪੰਜਾਬ) | Click |
Bhu Naksha Punjab (पंजाब कैडेस्ट्रेल मैप) | Click |
Punjab Revenue Portal | https://revenue.punjab.gov.in/ |
पंजाब में कलेक्टर रेट क्या है?
राज्य में किसी भी क्षेत्र में संपत्ति खरीदने से पहले खरीदार को चाहिए कि वह है उस क्षेत्र की पहचान दरों को अर्थात कलेक्टर दरें पहले से पता कर ले ताकि रजिस्ट्री ( संपत्ति पंजीकरण) पर आने वाले खर्चे का सही से आकलन किया जा सके। पंजाब में किसी भी क्षेत्र का कलेक्टर रेट समान नहीं है। क्योंकि इसे प्रभावित करने के पीछे बहुत कारक है। तथा विभाग द्वारा इन सभी महत्वपूर्ण कारकों को मध्य नजर रखते हुए जमीन का कलेक्ट्रेट निर्धारित किया जाता है। कलेक्टर रेट को निर्धारित करने के लिए विभाग द्वारा कौन से सूत्र का उपयोग किया जाता है। यह हम आपको इसी लेख में आगे बताने जा रहे हैं। चलिए हम Collector Rates in Punjab देखने की प्रक्रिया में आगे बढ़ते हैं।
पंजाब में कलेक्टर दर कैसे निर्धारित की जाती है?
राज्य में जमीन का सरकारी रेट निर्धारित करने के लिए महत्वपूर्ण कारकों को मध्य नजर रखा जाता है। इनमें से कुछ कारक है जो इस प्रकार है:-
- संपत्ति का मार्केट वैल्यू:- जैसा कि आप जानते हैं, किसी भी क्षेत्र का मार्केट वैल्यू कलेक्टर दर से अधिक होता है। इसके पीछे का कारण यह है कि उस क्षेत्र के इर्द-गिर्द बहुत सी सुविधाएं विकसित हो चुकी है। साथ ही वह संपत्ति ऐसे एरिया में आ चुकी है। जो कमर्शियल उपयोग की जा सकती है। ऐसे में उस संपत्ति का Collector Rates अधिक निर्धारित कर दिया जाता है।
- संपत्ति की आयु एवं स्थान:- यदि कोई संपत्ति ऐसे स्थान पर है जिसके इर्द-गिर्द हॉस्पिटल, अच्छी सड़कें, गवर्नमेंट ऑफिस, आवासीय अपार्टमेंट विकसित हो चुके हैं। तो ऐसे संपत्ति का बाजार मूल्य अधिक होगा और यह संपत्ति पुरानी होने के साथ-साथ महंगी भी होती है। क्योंकि इसका कमर्शियल उद्देश्य से उपयोग किया जा सकता है। जो खरीददार के लिए फायदेमंद होगा और सरकार को अच्छा रेवेन्यू मिलेगा।
- संपत्ति की उपयोगिता:- ऐसे संपति जो पोश एरिया में स्थित है। शहरी क्षेत्र के कमर्शियल उद्देश्य पूर्ण कर सकती है। तो जाहिर सी बात है। ऐसे संपत्तियां बहुत महंगी होती है। जिसमें शॉपिंग कंपलेक्स, बहुमंजिला अपार्टमेंट बनाए जा सकते हैं। ऐसे संपत्ति पर कलेक्टर रेट अधिक होती है।
Collector Rates Punjab कैसे निर्धारित किया जाता है?
पंजाब के राजस्व एवं पुनर्वास और आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जमीन का न्यूनतम राशि निर्धारित कर दिया जाता है। इस राशि के नीचे कोई भी संपत्ति नहीं भेजी जा सकेगी। हालांकि किसी भी प्रॉपर्टी का बाजार मूल्य से कलेक्टर रेट कम ही होता है। विभाग द्वारा किसी भी क्षेत्र में जमीन का कलेक्ट्रेट निर्धारित करने से पहले महत्वपूर्ण कारकों को मद्देनजर रखा जाता है। उन्हीं देखते हुए संपत्ति का मूल्य = पंजाब में कलेक्टर दर x संपत्ति का निर्मित क्षेत्र (वर्ग मीटर में) सूत्र को मद्देनजर रखा जाता है। इसे हम एक उदाहरण से समझते हैं:-
- मान लेते हैं पंजाब के किस क्षेत्र में कलेक्टर दर = 5500 रुपये प्रति वर्ग मीटर
- निर्मित क्षेत्र = 1500 वर्ग मीटर
- संपत्ति का मूल्य = कलेक्टर दर x निर्मित क्षेत्र (5500 x 1500)
- तो, इस मामले में, संपत्ति का मूल्य 82,50,000 रुपये है।
यहां पर ध्यान रखने योग्य बात यह है की स्टांप ड्यूटी शुल्क जो सरकार को राजस्व के रूप में देना होता है। वह संपत्ति के मार्केट वैल्यू, या कलेक्टर दर इन दोनों में से जो भी अधिक होगा। उस राशि पर देना होता है।
पंजाब में कलेक्टर रेट कैसे पता करें?
पंजाब का कलेक्टर रेट पता करने के लिए सबसे पहले राजस्व पुनर्वास और आपदा प्रबंधन विभाग के ऑफिशियल वेबसाइट पर विजिट करें और नीचे दी गई प्रक्रिया को ध्यान पूर्वक फॉलो करें।
सबसे पहले ऑफिशल वेबसाइट के लिंक पर क्लिक करें।
ऑफिशल वेबसाइट होम पेज पर दिखाई दे रहे रजिस्ट्रेशन के सब मैन्यू में कलेक्टर रेट देखें पर क्लिक करें।
यहां पर राज्य के समस्त जिलों के लिस्ट दिखाई देगी। अपने जिले का चुनाव करें।
जैसे ही आप जिले पर क्लिक करते हैं। तो उस जिले के ऑफिसर वेबसाइट पर रिडायरेक्ट करने हेतु आपसे इजाजत मांगी जाएगी। इसे इजाजत दें और उस जिले की ऑफिशल वेबसाइट पर विजिट करें।
- वेबसाइट के मेनू बार में दिखाई दे रहे डिपार्टमेंट के रेवेन्यू पर क्लिक करें।
- यहां पर वित्तीय वर्ष अनुसार रेवेन्यू लिस्ट दिखाई देगी।
- पंजाब के नागरिक यहां से जमीन का सर्किल रेट पता कर सकते हैं।
इसी प्रक्रिया को फॉलो करके आप पंजाब के किसी भी जिला, तहसील, ग्राम पंचायत एवं शहरी क्षेत्र के कॉलोनी, नगर इत्यादि को कलेक्टर दर पता कर सकते हैं।