हरियाणा म्यूटेशन:- यदि आप ने हाल ही में हरियाणा के किसी भी क्षेत्र में अचल संपत्ति खरीदी है। इसका म्युटेशन दर्ज करवाना आवश्यक है। संपत्ति का म्यूटेशन ( नामांतरण/दाखिल खारिज) होने के बाद ही सम्पति का कानूनन मालिकाना हक प्राप्त कर सकते हैं। प्रॉपर्टी रजिस्ट्री के बाद ऑनलाइन ई-म्यूटेशन दर्ज करवा सकते हैं। इस लेख में आप जानेंगे हरियाणा में रजिस्ट्री के बाद नामांतरण (म्यूटेशन) कैसे दर्ज किया जाता है। Haryana Mutation Orders , Haryana Mutation Status, Haryana Mutation Deed और Haryana Mutation Fees की जानकारी ऑनलाइन हरियाणा जमाबंदी jamabandi.nic.in पोर्टल पर उपलब्ध करा दी गई है। अब कोई भी व्यक्ति घर बैठे अपनी जमीन का नामांतरण देख सकते हैं और म्यूटेशन के लिए आवेदन कर सकते हैं। चलिए अब हम हरियाणा मोटेशन स्थिति एवं आवेदन प्रक्रिया को ध्यानपूर्वक समझते हैं।
हरियाणा म्यूटेशन क्या है? (Haryana Property Mutation)
जैसा कि आप जानते हैं, किसी भी अचल संपत्ति की रजिस्ट्री होने के बाद उस संपत्ति का नए नाम पर उत्परिवर्तन किया जाता है। अर्थात संपत्ति का नाम ट्रांसफर किया जाता है। जिसे हरियाणा में म्यूटेशन कहा जाता है। इसका हिंदी में अर्थ नामांतरण व दाखिल खारिज आवेदन करने से संबंधित है। यदि किसी संपत्ति का नामांतरण नहीं किया जाता है। तो उस संपत्ति पर पूरी तरह मालिकाना हक नहीं मिल पाता और यह प्रक्रिया विभाग द्वारा स्वतः पूर्ण की जाती है। इसलिए रजिस्ट्री के कुछ दिनों बाद हरियाणा में ऑफिशल पोर्टल पर Haryana Mutation Status को अपडेट कर दिया जाता है। चलिए अब हम हरियाणा स्टेटस को ऑनलाइन देखने की प्रक्रिया में आगे बढ़ते हैं।
म्यूटेशन के लिए आवश्यक दस्तावेज
हरियाणा राज्य में म्यूटेशन दर्ज करवाने के लिए आवेदक को कुछ दस्तावेज प्रस्तुत करने होते हैं। जिसमें आवेदक द्वारा अभी खरीदी गई जमीन की रसीद जो रजिस्ट्री के दौरान उन्हें दी जाती है। इसके साथ अन्य दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे जैसे:-
- जमीन की पूरी रजिस्ट्री फोटो कॉपी
- स्टांप ड्यूटी एवं पंजीकरण शुल्क की रसीद
- रजिस्ट्री नंबर
- जमीन का खाता खसरा नंबर
- आवेदक का आधार कार्ड
- मोबाइल नंबर
- ईमेल आईडी
हरियाणा नामांतरण फीस क्या है?
राज्य में नामांतरण फीस को लेकर 2013 में ऑफिशल स्टेटमेंट जारी किया गया था। जिसमें नामांतरण फीस के रूप में ₹50 से लेकर ₹200 अधिकतम देने पड़ते हैं। यह फीस जिला स्तरीय जिला सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (DITS) में जमा करवानी होगी। कुछ परिस्थितियों में यह फीस माफ कर दी जाती है। जैसे यदि किसी संपत्ति को दान किया जाता है। तब इस संपत्ति के नामांतरण पर म्यूटेशन फीस नहीं लिया जाता। इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा दिए गए आवासीय भूखंडों पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति आबादी को मोटेशन फीस माफ कर दी जाती है।
Haryana Mutation Status कैसे देखें?
राज्य में मोटेशन स्टेटस ऑनलाइन देखने के लिए आवेदक के पास रजिस्ट्री नंबर और रजिस्ट्री की दिनांक होना आवश्यक है। तब हम हरियाणा नामांतरण स्थिति ऑनलाइन देख सकते हैं। चलिए अब हम ऑफिशल वेबसाइट से नामांतरण स्थिति देखने की प्रक्रिया को ध्यानपूर्वक समझते हैं।
सबसे पहले हरियाणा जमाबंदी ऑफिशल वेबसाइट पर जाएं।
वेबसाइट होम पेज के मेनू बार में दिखाई दे रहे Mutation सेक्शन में Mutation Status पर क्लिक करें।
- जिला, तहसील दर्ज करें।
- रजिस्ट्री संख्या व रजिस्ट्री दिनांक दर्ज करें और सर्च पर क्लिक करें।
- जानकारी आपके समक्ष स्क्रीन पर दिखाई देगी।
हरियाणा के समस्त जिला जिनका म्यूटेशन स्टेटस ऑनलाइन देख सकते हैं:-
Ambala (अम्बाला) | Charkhi Dadri |
Bhiwani (भिवानी) | Faridabad (फरीदाबाद) |
Gurugram (गुरुग्राम) | Fatehabad (फतेहाबाद) |
Jhajjar (झज्जर) | Hisar (हिसार) |
Jind (जींद) | Kaithal (कैथल) |
Karnal (करनाल) | Kurukshetra (कुरुक्षेत्र) |
(दादरी) Nuh (नूहं) | Mahendragarh (महेंद्रगढ़) |
Panchkula (पंचकुला) | Palwal (पलवल) |
Rewari (रेवाड़ी) | Panipat (पानीपत) |
Rohtak (रोहतक) | Sirsa (सिरसा) |
Yamunanagar (यमुनानगर) | Sonipat (सोनीपत) |
FAQ’s Haryana Mutation 2023
Q. हरियाणा प्रॉपर्टी म्यूटेशन क्या है?
Ans. हरियाणा में म्यूटेशन दर्ज होना विभागीय प्रक्रिया है। जब भी किसी अचल संपत्ति की रजिस्ट्री की जाती है। तब उस संपत्ति को नए नाम पर उत्परिवर्तन करना होता है। जिसे नामांतरण करना दाखिल खारिज आवेदन बोला जाता है। हरियाणा में इसे अंग्रेजी भाषा में म्यूटेशन कहा जाता है।
Q. हरियाणा में नामांतरण फीस क्या है?
Ans. Haryana Mutation Fees के रूप में ₹50 से लेकर ₹200 तक देने पड़ते हैं। यह फीस जिला स्तरीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (DITS) में जमा करवानी होती है।
Q. जमीन का नामांतरण कितने दिन में होता है?
Ans. रजिस्ट्री प्रक्रिया पूर्ण होने के कुछ समय बाद विभाग द्वारा नामांतरण प्रक्रिया पूर्ण कर दी जाती है। इस में अधिकतम 30 दिन से लेकर 90 दिन तक का समय लग सकता है।