Circle Rate:- सर्किल रेट के बारे में जानकारी उन लोगों को जरूर होनी चाहिए। जो कहीं पर भी प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान कर रहे हैं। यह संपत्ति कृषि भूमि, आवासीय भूखंड, बहु मंजिला अपार्टमेंट, कमर्शियल उपयोग हेतु संपत्ति के रूप में हो सकती है। दरअसल Circle Rates जानना इसलिए आवश्यक है। क्योंकि सरकार द्वारा जब Registry के दौरान राजस्व लिया जाता है। अर्थात रजिस्ट्री फीस ली जाती है। तब Circle Rate और Stamp Duty शुल्क की गणना करके ही रजिस्ट्री खर्च जोड़ा जाता है। पहले सर्किल दरें पता करने के लिए राजस्व एवं रजिस्ट्री विभाग के अधिकारी से मिलना पड़ता था। तब जाकर हमें उस क्षेत्र का सर्किल दर पता चलती थी। परंतु अब ऐसा नहीं है, आप भारत के किसी भी राज्य, जिला, तहसील, ग्राम पंचायत, कॉलोनी स्तर पर सर्किल रेट पता कर सकते हैं।
चलिए हम आपको इस लेख में बताते हैं कि आखिर सर्किल रेट होता क्या है और इसे ऑनलाइन कैसे देखा जा सकता है। बस आप इस लेख में अंत तक बने रहें और दी गई जानकारी को ध्यानपूर्वक पढ़ें।
Circle Rates List 2023
About Article | Circle Rates 2023 |
State | All States |
सर्किल रेट तय की जाती है | राज्य सरकार द्वारा |
सर्किल रेट देख सकते है | ऑनलाइन |
सर्किल रेट में बदलाव होता है | जी हाँ |
ऑफिसियल वेबसाइट | नीचे दी गई हैं |
सर्किल रेट क्या होता है? (What is Circle Rate)
किसी भी Property खरीदार को सरकारी दफ्तर में उस संपत्ति का कानूनी अधिकार प्राप्त करने के लिए Registry करवाने होती है। और इस रजिस्ट्री पर सरकार द्वारा राजस्व लिया जाता है। इस राजस्व की गणना उस क्षेत्र की सर्किल रेट पर निर्भर करता है। तथा स्टांप ड्यूटी शुल्क जो लगभग हर क्षेत्र का समान होता है। इन दोनों का आकलन करके जो राजस्व बनता है। उसे हमें सरकार को देना होता है। अब यदि आपको रजिस्ट्री से पहले आने वाले खर्च का आकलन करना है। तो Circle Rate List का पता जरूर कर ले। सर्किल रेट को कलेक्टर रेट, गाइडेंस वैल्यू, जैसे कई नामों से जाना जाता है। राजस्थान में इसे DLC Rate के नाम से जाना जाता है।
सर्किल रेट का आकलन प्रति वर्ग मीटर में किया जाता है। अर्थात प्रति वर्ग मीटर जमीन खरीदने पर संपत्ति पर न्यूनतम राशि निर्धारित कर दी जाती है। जिसे सर्किल रेट कहा जाता है। उदाहरण के लिए हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के बैला क्षेत्र में आवासीय प्लॉट खरीदने पर INR 3,47,000 प्रति वर्ग मीटर और कमर्शियल संपत्ति खरीदने पर INR 6,95,000 प्रति वर्ग मीटर सर्किल रेट देना पड़ सकता है।
जमीन का सर्किल रेट कैसे तय किया जाता है?
होता क्या है, कि जब सरकार द्वारा किसी भी संपत्ति का सर्किल रेट निर्धारित किया जाता है। तब विभाग द्वारा कुछ महत्वपूर्ण कारकों को मध्य नजर रखा जाता है। जिनसे सर्किल रेट तय की जाती है। इन महत्वपूर्ण कारकों में से कुछ कारक इस प्रकार हैं:-
संपत्ति का बाजार मूल्य:- यदि आप एक ऐसी संपत्ति खरीदने जा रहे हैं। जो शहर के पॉश एरिया में स्थित है। आसपास में सभी बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध हैं। कमर्शियल बिजनेस के विकल्प मौजूद हैं। तो ऐसी प्रॉपर्टी का बाजार मूल्य अधिक होगा। तो जाहिर है सरकार द्वारा ऐसी प्रॉपर्टी सर्किल रेट भी अधिक रखी जाती है।
संपत्ति की आयु:- मान लीजिए, आपने कोई संपत्ति हाल ही में खरीदी है। परंतु अब उसे आप भूल चुके हैं। मेरा मतलब है कि, आपने आयु बढ़ने के लिए छोड़ दिया है। अब जैसे-जैसे उस क्षेत्र के इर्द-गिर्द में सुविधाएं बढ़ने लगेगी जैसे:- अच्छी सड़कें, हॉस्पिटल, सरकारी दफ्तर, शॉपिंग कंपलेक्स, आवासीय कॉलोनियां इत्यादि, बढ़ने लगेंगे तब उस संपत्ति की धीरे-धीरे मार्केट वैल्यू बढ़ने लगेगी और आपका 20 साल पहले किया गया इन्वेस्ट आपको अधिक कीमत देकर जाएगा। परंतु यदि कोई उसे खरीदेगा तो सर्किल रेट अधिक देना पड़ेगा।
सर्किल रेट की गणना कैसे होती है?
देखिए, Circle Rates कभी भी किसी भी क्षेत्र में एक समान नहीं रहती। बरहाल सरकार द्वारा Sarkil Rate निर्धारित की जाती है। परंतु समय समय में इसमें बदलाव संभव है। क्योंकि सर्किल रेट किसी एक कारक पर निर्भर नहीं करता है। इसे अनेक कारक प्रभावित करते हैं। समय-समय पर प्रॉपर्टी का बाजार मूल्य देखकर इसकी सर्किल रेट में बढ़ोतरी की जाती है। आमतौर पर सर्किल रेट की गणना इस फार्मूले के आधार पर की जाती है:- संपत्ति का मूल्य = निर्मित क्षेत्र (वर्ग मीटर में) x इलाके के लिए सर्कल दर (रुपये प्रति वर्ग मीटर में)।
इसी प्रकार आप नीचे दी गई सारणी में अपने राज्य का चुनाव कर सकते हैं और इसमें सर्किल रेट देखने की प्रक्रिया को फॉलो कर सकते हैं:-
States Name | Content Links |
DLC Rate Rajasthan | Click Here |
UP Circle Rate List | Click Here |
Circle Rate list Bihar | Click Here |
Circle Rate in Delhi | Click Here |
Circle Rate In Uttarakhand | Click Here |
Circle Rate List Haryana | Click Here |
HP Circle Rate | Click Here |
Circle Rate in CG | Click Here |
Jharkhand | Click Here |
Maharashtra | Click Here |
Madhya Pradesh | Click Here |
Punjab | Click Here |
Property Circle Rate कैसे पता करें?
किसी भी संपत्ति का Circle Rate List पता करने के लिए अब सम्बंधित विभाग के दफ्तर में जाने की आवश्यकता नहीं है। आप घर बैठे मोबाइल पर भी जमीन का सरकारी रेट जान सकते हैं। इसके लिए ऑफिशल वेबसाइट पर विजिट किया जा सकता है। भारत में कई राज्य ऐसे हैं, जिन्होंने एक पोर्टल पर संपूर्ण राज्य का Circle Rates उपलब्ध करवा दिया है। जिसमें जिला, तहसील, ग्राम पंचायत, कॉलोनी क्षेत्र का चुनाव करके भी सर्किल रेट देखा जा सकता है। परंतु कुछ राज्य ऐसे हैं जिनके जिला अनुसार ऑफिशल पोर्टल तैयार किए गए हैं। आप वहां से भी सर्किल रेट दे सकते हैं। जैसे छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश इन सबके जिला अनुसार ऑफिशल पोर्टल पर विजिट करके सर्किल रेट पता कर सकते हैं।
Circle Rate List कैसे देखें?
सर्किल रेट लिस्ट ऑनलाइन पता करने के लिए स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग के ऑफिशल पोर्टल पर विजिट कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त जिला अनुसार तैयार की गई ऑफिशल वेबसाइट से भी सर्किल रेट लिस्ट देख सकते हैं। जैसे उदाहरण के लिए उत्तराखंड के सबसे महत्वपूर्ण जिला देहरादून का हम Sarkil Rate दिखा रहे हैं।
सबसे पहले देहरादून जिले के ऑफिशल वेबसाइट पर विजिट करें।
वेबसाइट होम पेज पर मैन्युबार में दिखाई दे रहे दस्तावेज (Documents) के सबटाइटल में सर्किल दरों पर क्लिक करें।

आपके सामने वित्तीय वर्ष अनुसार सर्किल दरों की पीडीएफ लिस्ट दिखाई देगी। इसे देख सकते हैं और डाउनलोड कर सकते हैं।

FAQ’s Circle Rates 2023
Q. सर्किल रेट क्या है?
Ans. स्टांप एवं रजिस्ट्री विभाग द्वारा संपत्ति के पंजीकरण के दौरान राजस्व लिया जाता है और इस राजस्व की गणना प्रॉपर्टी की मार्केट वैल्यू को देखते हुए सर्किल रेट निर्धारित की जाती है। जिसे न्यूनतम सरकारी दर, कलेक्ट्रेट, डीएलसी रेट, गाइडेंस वैल्यू आदि नामों से जाना जाता है।
Q. जमीन का सर्किल रेट कैसे निकालते हैं?
Ans. किसी भी संपत्ति का सर्किल रेट निर्धारित करने के लिए संपत्ति का स्थान जरूर महत्वपूर्ण होता है। जैसे ग्रामीण क्षेत्र में या फिर शहरी क्षेत्र में। इसके अतिरिक्त मार्केट वैल्यू, संपत्ति उपयोग उद्देश्य, संपत्ति की आयु एवं उपलब्ध सुविधाएं सर्किल रेट को प्रभावित करती है। आमतौर पर सर्किल रेट की गणना संपत्ति का मूल्य = निर्मित क्षेत्र (वर्ग मीटर में) x इलाके के लिए सर्कल दर (रुपये प्रति वर्ग मीटर में)। इस फार्मूले से की जाती है।
Q. सर्किल रेट का मतलब क्या है?
Ans. देखिए, जब किसी प्रॉपर्टी को खरीदा जाता है। तो सरकार द्वारा उस प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन पर राजस्व लिया जाता है। ऐसे में सरकार प्रॉपर्टी की मार्केट वैल्यू, प्रॉपर्टी के उपयोग उद्देश्य, इर्द गिर्द उपलब्ध सुविधाओं को मध्य नजर रखते हुए न्यूनतम राशि निर्धारित करती है। इस राशि को ही सर्किल रेट, डीएलसी रेट, गाइडेंस वैल्यू, कलेक्टर रेट कहा जाता है।
Q. मैं अपने क्षेत्र का सर्किल रेट कैसे ढूंढू?
Ans. देखिए आप अपने क्षेत्र का Circle Rate आसानी से पता कर सकते हैं। यदि राजस्थान हरियाणा उत्तर प्रदेश बिहार राज्य के निवासी हैं। तो स्टांप ड्यूटी एवं रजिस्ट्री विभाग के ऑफिशल वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं और यदि हिमाचल, उत्तराखंड, झारखंड, राज्य के निवासी हैं। तो सरकार द्वारा जिला अनुसार ऑफिशल पोर्टल तैयार किए गए हैं। आप इन ऑफिशल पोर्टल पर विजिट करके दस्तावेज सेक्शन में सर्किल रेट का पता कर सकते हैं। इसके लिए जिला, तहसील, ग्राम पंचायत, कॉलोनी, वार्ड नंबर इत्यादि दर्ज करके आसानी से सर्किल रेट ढूंढ सकते हैं।
Q. सर्किल रेट क्यों जरूरी है?
Ans. सर्किल रेट का मुख्य फायदा सरकार को होता है। क्योंकि सरकार क्षेत्र अनुसार प्रॉपर्टी का मूल्य आकलन करती है। जब कोई खरीदार इस संपत्ति को खरीदता है। तो सरकार को राजस्व मिलता है। इसलिए खरीदार के लिए आवश्यक है कि वह सर्किल रेट को पहले से पता कर लें। ताकि रजिस्ट्री पर होने वाले खर्च का आकलन कर सके और सरकार द्वारा सर्किल रेट निर्धारित करके अच्छा राजस्व लिया जा सकता है।