महिला आरक्षण बिल 2023 पास : नारी शक्ति वंदन अधिनियम क्या है, जाने बिल के फायदे एवं इतिहास | Mahila Aarakshan Bill PDF Download

नई संसद में लोकतंत्र की प्राण प्रतिष्ठा के साथ साथ ही हमारे देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी जी ने लंबे समय से अटके महिला आरक्षण बिल 2023 (Women’s Reservation Bill) को लोकसभा में पेश कर दिया है। आपको बता दे कि Mahila Aarakshan Bill 2023  “नारी शक्ति वंदन अधिनियम” के नाम से पेश किया है। इसके अंर्तगत संविधान के 128 वे संशोधन में लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33% आरक्षण देने का प्रावधान है। SC /ST के लिए आरक्षित सीटों में महिलाओं के लिए भी ⅓ Quota होगा। इसके बाद यह Bill राज्यसभा में जाएगा । तो आइए और भी बताते है Mahila Aarakshan Bill की और क्या क्या खास बाते है ….

नारी शक्ति वंदन अधिनियम क्या है? | Nari Shakti Vandana Adhiniyam

केंद्र सरकार ने लोकसभा में नारी शक्ति वंदन अधिनियम पेश किया है। अब आपके जहन में यह सवाल जरूर उठ रहा होगा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम क्या है? तो  इस Article के माध्यम से हम आपको Nari Shakti Vandana Adhiniyam के बारे में पूरी जानकारी देंगे। आपको बता दे कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम में लोकसभा की 33 फीसदी सीटें महिला के लिए आरक्षित की जाएगी। यानी 545 सीटों में से 181 सीटों से सिर्फ महिलाएं लोकसभा चुनाव लड़ पाएंगी। दिल्ली विधानसभा में भी 33 फीसदी महिला आरक्षण की बात भी कही गई है यानी दिल्ली विधानसभा की 70 में से 23 सीटें महिलाओं के लिए रिजर्व होगा। बाकी राज्यों की विधानसभाओं में भी 33 फीसदी महिला आरक्षण लागू होगा। इस नए Nari Shakti Vandana Adhiniyam में महिला सीटों के आरक्षण के लिए अनुच्छेद 334 ए जोड़ा गया है। इसमें यह भी कहा गया है ,कि महिला आरक्षण के लिए परिसीमन अनिवार्य होगा। कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने Bill पेश करते हुए कहा, इससे लोकसभा में महिलाओं की संख्या 82 से 181 हो जाएगी।

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Women’s Reservation Bill 2023

महिला आरक्षण बिल संविधान संशोधन 128 के अंतर्गत लोकसभा में कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल के द्वारा प्रस्तुत किया गया है  l महिलाओं को 33% आरक्षण देने वाला Women’s Reservation Bill जब भी लागू होगा, तब से 15 साल तक रहेगा , जिसे संसद बढ़ा सकती है । आपको बता दे कि इसे तुरंत लागू नही किया जा सकता है ,क्योंकि जनगणना में कम से कम 2 साल लगेंगे ।इसके बाद ही परिसीमन संभव है।लेकिन मौजूदा कानून के तहत अगला परिसीमन 2026 से पहले नहीं हो सकता है।ऐसे में 2027 में 8 राज्यों के चुनाव व 2029 के आम चुनाव से ही यह लागू हो पाएगा ।

महिला आरक्षण बिल के फायदे | Benefits of Women Reservation Bill

अब हम आपको नारी शक्ति वंदन अधिनियम एवं महिला आरक्षण बिल के फायदे बताएंगे। जिनके बारे में अधिकांश लोग नही जानते है । तो नारी शक्ति वंदन बिल के फायदे  कुछ इस प्रकार निम्नलिखित है :

  • महिला आरक्षण बिल के द्वारा देश में नारी सशक्तिकरण को और अधिक बढ़ावा मिलेगा।
  • नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 के द्वारा देश की राजनीति में महिलाओं की सक्रिय भूमिका को काफी हद तक मजबूत और सशक्त किया जाएगा ।
  • महिला आरक्षण अधिनियम से हर महिला को आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा ।
  • वही नारी शक्ति वंदन अधिनियम का सबसे बड़ा फायदा यह है कि लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 181 हो जाएगी जो कि अभी तक 81 है ।
  • इस Mahila Aarakshan Bill के लागू होने से लेकर 15 वर्ष तक महिलाओं को 33% आरक्षण दिया जाएगा।
  • नारी शक्ति वंदन बिल से लोकतंत्र मजबूत हो सकता है।

महिला आरक्षण बिल से क्या बदलाव होंगे

अगर आप भी सोच रहे है कि महिला आरक्षण बिल से क्या बदलाव होंगे । तो इसकी जानकारी का विवरण भी हम आपको नीचे उपलब्ध करवा रहे है जो कि निम्नलिखित है:

  • महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें लोकसभा दिल्ली विधानसभा और भारत के दूसरे विधानसभा में आरक्षित किया जाएगा।
  • भारत के सभी राज्यों के विधानसभा में कानून लागू होगा ।
  • महिला आरक्षण बिल के अंतर्गत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आवंटित सीटों में भी महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षित की जाएंगे ।
  • महिला आरक्षण बिल का प्रभाव 15 साल तक रहेगा । इसमें सीटों का आवंटन रोटेशन प्रणाली के अंतर्गत किया जाएगा ।
  • भारत की राजनीति में महिलाओं की सक्रियता और भी ज्यादा बढ़ेगी । जिसके परिणामस्वरूप लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 82 से बढ़कर 181 हो जाएगी ।

महिला आरक्षण बिल का इतिहास | History of Women’s Reservation Bill

अधिकांश लोग यह जानने के इच्छुक होंगे कि आखिर महिला आरक्षण बिल का इतिहास क्या है। तो आपकी जानकारी के लिए बात दे कि साल 1996 में एच.डी. देवेगौड़ा की सरकार में पहली बार महिला आरक्षण बिल लाया गया था। परंतु भारी विरोध होने के कारण से यह पास नहीं हो सका। जिसके बाद इस बिल को कई बार संसद में प्रस्तुत किया गया। लेकिन हर बार सरकार महिला आरक्षण बिल पास करवाने में असफल रही। इसके बाद साल 1998 और 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा महिला आरक्षण बिल को संसद में पेश किया गया। लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच प्रचंड बहस तो हुई ही ।लेकिन साथ ही साथ एक सांसद ने  कानून मंत्री के हाथ से बिल छीनकर उसकी कॉपियां सदन में फाड़कर उड़ा दी गई।

इसके बाद वर्ष 2008 में UPS सरकार ने इस बिल को संसद में पेश किया गया। लेकिन राज्यसभा में तो सरकार ने इस बिल को पास करवा लिया था। लेकिन लोकसभा में यूपीएस सरकार के गठबंधन में जो भी पार्टी थी, उन्होंने इस बिल का विरोध किया । जिसके कारण इस बिल को  कानूनी रूप से देश में लागू नहीं किया जा सका । यही कारण था कि महिला आरक्षण बिल 27 सालों से अधर में लटका रहा था ।

महिला आरक्षण बिल पर सोनिया गाँधी ने क्या कहा

अब बताते है आपको को महिला आरक्षण बिल पर सोनिया गाँधी ने क्या कहा । तो आपको बता दे कि Women’s Reservation Bill पर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का कहना है कि “बिल फौरन अमल में लाना चाहिए- सोनिया ने कहा, ‘कांग्रेस की मांग है कि बिल को फौरन अमल में लाया जाए. सरकार को इसे परिसीमन तक नहीं रोकना चाहिए. इससे पहले जातिगत जनगणना कराकर इस बिल में SC-ST और OBC महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की जाए।

महिला आरक्षण बिल PDF Download

अगर आप महिला आरक्षण बिल PDF Download करना चाहते हैं , तो हम आपको इसका PDF Download Link उपलब्ध करवा रहे हैं । आप इसे Download करके Mahila Aarkshan Bill के बारे में और भी विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

FAQ’s महिला आरक्षण बिल 2023

Q. नारी शक्ति वंदन अधिनियम क्या है?

Ans नारी शक्ति वंदन अधिनियम लोकसभा की 33 फीसदी सीटें महिला के लिए आरक्षित की जाएगी यानी 545 सीटों में से 181 सीटों से सिर्फ महिलाएं लोकसभा चुनाव लड़ पाएंगी। दिल्ली विधानसभा में भी 33 फीसदी महिला आरक्षण की बात भी कही गई है। यानी दिल्ली विधानसभा की 70 में से 23 सीटें महिलाओं के लिए रिजर्व होगा।बाकी राज्यों की विधानसभाओं में भी 33 फीसदी महिला आरक्षण लागू होगा।

Q. Women’s Reservation Bill कितने साल तक रहेगा?

Ans Women’s Reservation Bill जब भी लागू होगा , तब से 15 साल तक रहेगा , जिसे संसद बढ़ा सकती है ।

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