MVR Rate Bihar:- यदि आप बिहार राज्य में किसी भी स्थान पर संपत्ति खरीदने का प्लान कर रहे हैं। तो आपको उस क्षेत्र की Circle Rate के बारे में जानकारी होना आवश्यक है। क्योंकि Bihar MVR Rate List के आधार पर ही Property Registration पर लगने वाला Stamp Duty शुल्क का आकलन किया जाता है। पहले बिहार वासियों को जमीन का सरकारी रेट देखने के लिए स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग के यहां चक्कर लगाने पड़ते थे। परंतु अब घर बैठे मोबाइल पर ही Official Website (bhumijankari.bihar.gov.in) पर बिहार जमीन की Minimum Value Rate (MVR) Online देख सकते हैं। इस लेख में बिहार के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र की Circle Rate Online देखने की आसान प्रक्रिया दी गई है। आप लेख में दी गई प्रक्रिया को ध्यान पूर्वक फॉलो करते हैं। तो निश्चित तौर पर घर बैठे अपने क्षेत्र के सर्किल रेट का पता कर सकते हैं।
बिहार में जमीन का सरकारी रेट स्टांप ड्यूटी एवं रजिस्ट्रेशन विभाग द्वारा तय किया जाता है। Jameen Ka Cricle Rate तय करते समय विभाग द्वारा प्रॉपर्टी का स्थान, प्रॉपर्टी की वैल्यू, प्रॉपर्टी पर मिलने वाली सुविधाएं, मार्केट रेट को मध्य नजर रखा जाता हैं। आइए हम Circle Rate List ऑनलाइन देखने की प्रक्रिया में आगे बढ़ते हैं।
बिहार में MVR रेट क्या है?
एमवीआर रेट बिहार:- जैसा कि आप सभी जानते हैं, जब खरीदार द्वारा प्रॉपर्टी खरीदी जाती है। तब सरकार द्वारा Registry की फीस ली जाती है। उस प्रॉपर्टी में कृषि भूमि, दुकान, प्लॉट/भूखंड, इंडस्ट्रियल जमीन, शहर में रेजिडेंशियल प्लॉट, कमर्शियल कंपलेक्स, शॉपिंग कंपलेक्स इत्यादि शामिल हैं। तथा प्रॉपर्टी खरीदे जाने पर रजिस्ट्री करवाना अनिवार्य होता है। सरकार द्वारा प्रॉपर्टी को खरीदे जाने पर स्टांप ड्यूटी शुल्क के रूप में राजस्व लिया जाता है। इस राजस्व की गणना सर्किल रेट के आधार पर तय किया जाता है। इसी के साथ property registration यदि महिला के नाम हो रहा है। तो उन्हें छूट भी दी जाती है।
वर्तमान में Registry पर स्टांप ड्यूटी शुल्क 7% है। महिलाओं को 6% स्टांप शुल्क देना होता है। 1% रजिस्ट्रेशन फीस शुल्क अलग से देना होता है। इसी के साथ बिहार की MVR (Circle Rate) क्षेत्र एवं जिला के अनुसार अलग-अलग है। जिससे हम आगे विस्तारपूर्वक जानने वाले हैं।
बिहार में MVR (Circle Rate) कैसे निकाला जाता है?
देखिए, कोई भी property यदि commercial उद्देश्य हेतु उपयोग की जाएगी तो उसका सर्किल रेट (Minimum Value Rate) अधिक होगा। चाहे वह प्रॉपर्टी ग्रामीण क्षेत्र में हो या शहरी क्षेत्र में स्थित हो। हां परंतु, कुछ कारक ऐसे हैं जिनको मध्य नजर रखते बिहार प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन विभाग द्वारा सम्पति का मिनिमम वैल्यू रेट (MVR) तय किया जाता है। जिससे सर्किल रेट भी कहा जाता है। इनमें से कुछ कारक इस प्रकार हैं:-
- मार्केट वैल्यू के आधार पर:- किसी भी प्रॉपर्टी का सर्किल रेट निकालने से पहले उस क्षेत्र की बाजार कीमत को जरूर आँका जाता है। यदि क्षेत्र के आसपास सुविधाएं अच्छी है। कमर्शियल इंडस्ट्रीज स्थापित है। तो उस प्रॉपर्टी का मार्केट वैल्यू अधिक होगा। तो जाहिर है। यहां पर MVR भी अधिक लगने वाला है। अर्थात प्रॉपर्टी खरीदार को स्टांप ड्यूटी ज्यादा देना होगा।
- प्रॉपर्टी के आसपास उपलब्ध सुविधा हैं:- यदि कोई खरीदार शहर में प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं और उसके आसपास अच्छी सड़कें, हॉस्पिटल, शॉपिंग कॉन्प्लेक्स, कमर्शियल बिजनेस इंडस्ट्री जैसी सुविधाएं उपलब्ध है। तो जाहिर सी बात है ऐसी प्रॉपर्टी का भी एमवीआर अधिक होगा।
Bihar Circle Rate List ऑनलाइन कैसे पता करें?
बिहार का Circle Rate List ऑनलाइन देखने के लिए ऑफिशल पोर्टल तैयार किया गया है। इस पोर्टल पर विजिट करके आप नीचे दी गई प्रक्रिया को फॉलो कर ले। निश्चित तौर पर आप मोबाइल पर भी इस प्रक्रिया को फॉलो कर सकते हैं और घर बैठे किसी भी क्षेत्र का MVR (Circle Rate List) देख सकते हैं। आइए देखते हैं कैसे ऑनलाइन देखी जाती है:-
सबसे पहले स्टाप ड्यूटी एवं रजिस्ट्रेशन विभाग की ऑफिशल वेबसाइट पर विजिट करें।
वेबसाइट होम पेज पर दिखाई दे रहे Vew MVR पर क्लिक करें।
यहां पर आपको कुछ विवरण दर्ज करना होगा। जिसमें रजिस्ट्रेशन ऑफिस का चुनाव करें। सर्किल (क्षेत्र) का नाम दर्ज करें। थाना कोड प्रॉपर्टी टाइप का चुनाव करें।
आपके सामने उस क्षेत्र का सर्किल रेट, Minimum Value, रजिस्ट्रेशन फीस, स्टांप ड्यूटी की सूची दिखाई देगी।
इस प्रक्रिया के आधार पर बिहार राज्य के किसी भी जिला सर्किल का MVR (Minimum Value Rate) पता कर सकते हैं।